आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक समीक्षा 2014-15 जो वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का फ्लैगशिप वार्षिक दस्ताकवेज है, विगत 12 महीनें में भारतीय अर्थव्यवस्था में घटनाक्रमों की समीक्षा करता है, प्रमुख विकास कार्यक्रमों के निष्पादन का सार प्रस्तुत करता है और सरकार की नीतिगत पहलों तथा अल्पावधि से मध्यावधि में अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर विधिवत प्रकाश डालता है। इस दस्तावेज को बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है।


यह रिपोर्ट एवं क्षेत्रक अर्थव्योवस्था के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए विस्तृसत आंकड़ों के साथ निम्नाकित मामलों का सिंहावलोकन करती है:

  • आर्थिक दृष्‍टिकोण, संभावनाएं और नीतिगत चुनौतियां
  • राजकोषीय रूपरेखा
  • हर आंख से आंसू पोंछना: जैम नम्‍बर त्रिसूत्री समाधान
  • निवेश वातावरण: अवरूद्ध परियोजनाएं, बकाया ऋण और इक्‍विटी समस्‍याएं
  • ऋण, संरचना तथा दोहरा वित्‍तीय नियंत्रण: बैंकिंग सेक्‍टर का एक निदान
  • सार्वजनिक निवेश को दुरूस्‍त करना: रेल के माध्‍यम से
  • भारत में क्‍या निर्माण करें? विनिर्मित उत्‍पाद या सेवाएं?
  • कार्बन सब्‍सिडी से कार्बन कर की ओर: भारत का पर्यावरण संबंधी कार्य
  • चौदहवां वित्‍त आयोग-भारत में राजकोषीय संघवाद के लिए निहितार्थ
  • भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की स्‍थिति- सिहांवलोकन
  • लोक वित्‍त
  • मौद्रिक प्रबंधन और वित्‍तीय मध्‍यस्‍थता
  • वैदेशिक एवं सेवा क्षेत्र
  • मूल्‍य, कृषि और खाद्य प्रबंधन
  • औद्योगिक, कारपोरेट और अवसंरचना निष्‍पादन
  • जलवायु परिवर्तन और सतत् विकास
  • सामाजिक अवसंरचना, रोजगार और मानव विकास

यह दस्तावेज नीति निर्धारकों, अर्थशास्त्रियों, नीति विश्लेाषकों, व्यवसायियों, सरकारी एजेंसियों, छात्रो, अनुसंधानकर्ताओं, मीडिया तथा भारतीय अर्थव्यृवस्था के विकास में रुचि रखने वालों के लिए उपयोगी होगा।

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा डिजाइन, होस्ट और विकसित, सूचना वित्त मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई है .